टेक लॉबी समूह, जिसमें Google, Meta और Snap जैसी प्रमुख टेक कंपनियां शामिल हैं, की चुनौती को खारिज करते हुए कैलिफ़ोर्निया के एक संघीय जज ने नाबालिगों को नशे की लत पैदा करने वाली सामग्री से बचाने वाले राज्य के कानून को बरकरार रखा है।
यह कानून, जिसे “प्रोटेक्टिंग आवर किड्स फ्रॉम सोशल मीडिया एडिक्शन एक्ट” (SB 976) के नाम से जाना जाता है, कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूज़म द्वारा सितंबर में हस्ताक्षरित किया गया था और यह 1 जनवरी 2027 से प्रभावी होगा।
SB 976 के प्रावधान:
- नाबालिगों के लिए नशे की लत पैदा करने वाले फीड्स पर प्रतिबंध:
यह कानून ऐसी सेवाओं या एप्लिकेशन को प्रतिबंधित करता है जो नाबालिगों को नशे की लत पैदा करने वाले फीड्स प्रदान करते हैं, जब तक कि यह सत्यापित न किया जा सके कि उपयोगकर्ता नाबालिग नहीं हैं। - नशे की लत फीड्स की परिभाषा:
नशे की लत फीड्स को ऐसे व्यक्तिगत ऑनलाइन सामग्री फीड्स के रूप में परिभाषित किया गया है, जो उपयोगकर्ता द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर सामग्री का चयन, सिफारिश, या प्राथमिकता देते हैं। - सोशल मीडिया नोटिफिकेशन पर प्रतिबंध:
यह कानून सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रात 12 बजे से सुबह 6 बजे और सप्ताह के दिनों (सोमवार से शुक्रवार) में सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक नाबालिगों को नोटिफिकेशन भेजने से रोकता है। - अभिभावकीय सहमति:
यदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नाबालिगों को नशे की लत फीड्स और नियमित नोटिफिकेशन प्रदान करना चाहते हैं, तो वे अभिभावक या संरक्षक की सत्यापित सहमति प्राप्त कर सकते हैं।
NetChoice की चुनौती:
NetChoice, जो Google, Meta और Snap जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, ने इस कानून के खिलाफ कैलिफ़ोर्निया जिला अदालत में मुकदमा दायर किया, यह तर्क देते हुए कि यह कानून प्रथम संशोधन (First Amendment) का उल्लंघन करता है और उनकी संचालन स्वतंत्रता को अनुचित रूप से सीमित करता है।
अदालती निर्णय:
जज एडवर्ड जे. डाविला ने NetChoice के मुकदमे पर SB 976 के नोटिफिकेशन से जुड़े प्रावधानों को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया, क्योंकि उन्होंने पाया कि प्रथम संशोधन के दावे में NetChoice की सफलता की संभावना अधिक है।
हालांकि, जज ने कानून के अन्य प्रावधानों को लागू रहने दिया।